नियमित सैन्य अभ्यास के दौरान पश्चिम बंगाल में 19 टोल नाके पर सेना तैनात हुई। राज्य के सचिवालय के सामने भी सेना ने अस्थायी तौर पर कैंप बनाया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी का आरोप है कि सेना राज्य को सूचना दिए बगैर ऐसा कर रही है। यह अघोषित आपातकाल लगाने की कोशिश है। मुख्यमंत्री का आरोप है कि केंद्र सरकार उन्हें डरा रही है। एक ओर मुख्यमंत्री बनर्जी अपने कार्यालय में ही रात गुजारी तो उनके सांसदों ने संसद चलने में बाधा पहुंचाई। इस पर केंद्र सरकार और सेना दोनों ने इस पर सफाई दी। सेना ने कहा, कि पश्चिम बंगाल पुलिस के कहने पर उन्होंने अभ्यास की तिथि बदली है।
सेना की तैनाती और अभ्यास को सोशल मीडिया पर भी काफी गहमागहमी रही। जो ट्रेंड देखने में मिला, वह ये कि 96 फीसदी लोगों ने ममता बनर्जी के आरोप को खारिज कर दिया है। 56 फीसदी लोगों ने ममता बनर्जी के आरोप को सिरे से नकार दिया है जबकि 40 फीसदी लोगों ने सेना के पक्ष में अपनी बात रखी है। केवल और केवल चार प्रतिशत लोग ममता बनर्जी के इस बात से सहमत दिख रहे थे कि सेना का अभ्यास राज्य को सूचना देकर करनी चाहिए थी। जबरन किसी राज्य में सैन्य अभ्यास राज्य को सूचना दिए बगैर नहीं करना चाहिए।