राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट हैक क्या हुआ, पूरी कांग्रेस पार्टी इसे नोटबंदी से जोड़कर डिजिटल इंडिया पर वार करने लगी। नोटबंदी को गलत साबित करने के लिए पार्टी रोज नए-नए हथकंडे अपना रही है। एक ओर केंद्र सरकार ने काला धन और भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करने के लिए नोट बंदी का फैसला लिया है। वहीं, फिर से काला धन न पनपे, इसके लिए सरकार कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा दे रही है। लेकिन कांग्रेस इसे पचा नहीं पा रही है।
कांग्रेस नेता डॉ अजय कुमार ने इस हैकिंग को लेकर एक ट्वीट किया और कहा कि जब एसपीजी सुरक्षा के घेरे में रहने वाले का ट्विटर एकाउंट हैक हो सकता है तो आम आदमी का क्या होगा।
And just imagine, if it’s so easy to hack digital presence of an SPG protected person, how easy it would be to steal your digital money.
— Dr Ajoy Kumar (@drajoykumar) November 30, 2016
डॉ. अजय कुमार तो पुलिस अधिकारी रह चुके हैं। उन्हें मालूम है कि ट्विटर की सुरक्षा करना सरकार का काम नहीं है, चाहे वह एसपीजी प्रोटेक्टि हों या आम आदमी। उसका पासवर्ड से लेकर मोबाइल नंबर तक के साथ जोड़ कर सुरक्षित करने का काम उस व्यक्ति विशेष का है, जिसने अपना एकाउंट बनाया है। वैसे भी ऑनलाइन सिक्योरिटी एसपीजी का काम नहीं है.
वैसे भी राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट वेरिफाइड अकाउंट है. जिसे हैक करना हैकर के लिए भी आसान नहीं होता. ऐसे में कई लोगों का यह भी मानना है कि मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान को पटरी से उतारने के लिए कांग्रेस के भीतर के आदमी का ही यह काम है.
आमतौर पर अकाउंट हैक होने के बाद उसे फिर से बहाल होने में कई घंटे का समय लग जाता है लेकिन राहुल गांधी का अकाउंट जल्दी ही सही हो गया और हैकर ने जो अपशब्द लिखे थे उसे हटा लिया गया था.
यह पहली घटना नहीं है. कांग्रेस का हैकिंग से पुराना नाता रहा है। 17 मई 2012 में तो कांग्रेस पार्टी की वेबसाइट ही हैक हो गया था। शायद आपको ध्यान न हो… ।
आइए आपको याद दिलाते हैं कांग्रेस शासन के कुछ आकड़ें, जिसे कांग्रेस के मंत्री ने देश की सबसे बड़ी पंचायत में पेश किया था। वह पंचायत जिसे आजकल आपलोग चलने नहीं दे रहे हैं।
वर्ष 2004 में हैकिंग के केवल 23 मामले थे। 2012 आते-आते इनकी संख्या 22,060 हो गई।
लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में टेलिकॉम मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने कहा था कि देश में कई तरह के साइबर हमलों की बात सामने आई है। सरकारी संगठनों से जुड़े आईटी तंत्र को साइबर हमलों का निशाना बनाया जा रहा है। इन हमलों में वेबसाइट हैकिंग, सेवा बाधित करना, ईमेल हैकिंग, व्यवस्था बाधित करना शामिल हैं।
मंत्री ने कहा कि 2011 में सरकारी मंत्रालयों और विभागों की वेबसाइट हैक करने के 308 मामले सामने आए थे, जो 2012 में बढ़कर 371 हो गए। कांग्रेस के ही एक और मंत्री संचार एवं आईटी राज्य मंत्री मिलिन्द देवड़ा ने 8 अगस्त, 2013 को लोकसभा में बताया कि 2013 में जून माह तक 78 बार वेबसाइटें हैक हुई। हालांकि हैक करने की कोशिश 16,035 बार हुई। इसके अलावा दिसंबर 2010 में सीबीआई की वेबसाइट हैक हुई, 17 मई, 2012 को सुप्रीम कोर्ट की साइट हैक हुई। यहां तक कि 21 अप्रैल, 2014 को लालकृष्ण आडवाणी की साइट हैक हुई।
कांग्रेस 2004 से 2014 तक दस साल सत्ता में रही और दिन ब दिन हैकिंग की घटनाएं बढ़ती रही। तब कांग्रेस सरकार क्या कर रही थी। अब नोट बंदी के फैसले को गलत साबित करने के लिए, डिजिटल इंडिया की योजना को सफल नहीं होने देने के लिए कुतर्क पर उतर आई है जबकि केंद्र सरकार की योजनाओं के केंद्र में डिजिटल इंडिया है। अब कांग्रेस अपने अकाउंट और साइट्स की सुरक्षा का ख्याल नहीं रखेगी तो कौन रखेगा। व्यक्तिगत साइट की सुरक्षा और उसके फीचर पर तो केंद्र सरकार ध्यान नहीं ही देगी।
एक बात और… हैकर्स ने क्रिसमस के दिन कांग्रेस पार्टी के गोपनीय दस्तावेज को सार्वजनिक करने की धमकी दी है। इस धमकी को लेकर कांग्रेस गंभीर है। कहीं ऐसा तो नहीं गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करने की धमकी को लेकर कांग्रेस और उसके नेता अधिक परेशान हैं। कई बार होता है कि आदमी अधिक परेशान हो तो कहीं की बात कहीं से मिला देता है।
अब लोगों को 25 दिसंबर का इंतजार है जब हैकर्स गोपनीय दस्तावेज को सामने लाएगा। वर्षों तक सत्ता में रहने वाली पार्टी, जिसके शासन में जीप घोटाला से लेकर टू-जी, कोयला घोटाला तक हुआ है। अब गोपनीय दस्तावेज क्या है, ये तो 25 दिसंबर को ही पता लगेगा। लेकिन जो भी होगा, दिलचस्प होने वाला रहेगा। देश की जनता को इसका इंतजार रहेगा।
-दीपक राजा